रिक्रूटर का अर्थ
वैसे तो इस अंग्रेज़ी शब्द, रिक्रूटर (recruiter) का अर्थ होता है ऐसा कोई भी व्यक्ति जो किसी भी संस्था या उद्यम को काम करने वाले लोगों यानी workforce की आपूर्ति में मदद में करे, पर इसका मूल अर्थ समझा जाये तो ये शब्द ग्रीक भाषा से आता है और इसका मतलब होता है, ऐसा कोई भी व्यक्ति जो किसी संस्था या उद्यम को बढ़ने में मदद करे। आधुनिक दुनिया में एक रिक्रूटर की दिनचर्या जॉब पोस्ट या जॉब डिस्क्रिप्शन (JD) बनाने, कैंडिडेट का लाइन-अप तैयार करने, रंग-बेरंग CV के अंबार में से काम का प्रोफाइल ढूँढने में और फ़ोन पर इंटरव्यू करने में निकलती है।
देखा जाये तो आज के भारत में रिक्रूटर दो प्रकार के होते हैं। पहले वो जो इंटरनेशनल क्लाइंट के लिए IT सेक्टर या सीनियर प्रोफाइल का ही रिक्रूटमेंट करते हैं और दूसरे वो जो देश के बढ़ते उद्यमों के लिए फील्ड और ग्राउंड पर काम करने वाले लोगों की भर्ती करवाते हैं। इन दोनों ही श्रेणी की दिनचर्या में कुछ ख़ास फ़र्क़ नहीं होता है पर पहली श्रेणी का इंडस्ट्री में अलग ग्लैमर है क्योंकि ये इंटरनेशनल क्लाइंट के चलते अक्सर डॉलर में बात करते हैं और दूसरी श्रेणी वाले लोगों के लिए ग्लैमर के नाम पर होता है बड़े क्लाइंट का नाम, वो भी सबको आसानी से नहीं मिलता है। ये रिक्रूटर bottom of the workforce pyramid यानी ऐसी नौकरियाँ जिनसे कंपनियों का काम ग्राउंड पर सुचारू रूप से चलता है रहे, उनकी भर्ती के लिए काम करते हैं।
विकसित भारत का अर्थ
देश के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने जब पिछले वर्ष दिसंबर के महीने में विकसित भारत @2047 लक्ष्य की घोषणा की तब उन्होंने दूसरी श्रेणी वाले रिक्रूटर के प्रोफेशनल जीवन में आगे बढ़ने की रफ़्तार को मानिए बुलेट ट्रेन की स्पीड दे दी हो। समझे नहीं कैसे? तो आपको बता दें कि विकसित भारत के लक्ष्य में छोटी सी टैगलाइन थी, “युवाओं की आवाज़”।
अब अगर आप ये सोच रहे हैं कि इस टैगलाइन का रिक्रूटर के जीवन से क्या लेना-देना, तो अब ये समझिए कि भारत 2047 तक विकसित कैसे बनेगा।
विकसित भारत की परिकल्पना हर किसी की शायद अपनी होगी और अगर नहीं है तो उसे बनानी चाहिए, लेकिन एक बात तो तय है कि भारत को विकसित देश बनने के लिए हमें चाहिए होंगी लाखों नयी फ़ैक्टरियाँ, हज़ारों किलोमीटर नयी सड़कें, स्कूल, कॉलेज, और हॉस्पिटल, गाँव-गाँव तक फ़ास्ट इंटरनेट की पहुँच, प्रत्येक परिवार को स्थायी आजीविका और देश के हर एक युवा के लिए रोज़गार के अवसर। अब जब देश की उन्नति में इतना सब बनाना है तो ये बनाएगा कौन? अगर आपका जवाब सरकार है तो एक बार फिर सोचिए। सरकार का काम है पालिसी बनाना और विकास के कार्यों के लिए funding की सुविधा को आसान बनाना। इन सभी चीज़ों को बनाने और सुचारू रूप से चलाने के लिए सबसे ज़्यादा जिस चीज़ की ज़रूरत है वो देश के दूसरी श्रेणी वाले रिक्रूटर ही दे सकते हैं। जी हाँ, देश को विकसित बनाने में देश के युवाओं का ही योगदान होने वाला है और इन युवाओं को विकास में योगदान देने के अवसरों से जोड़ने के लिए रिक्रूटर का ही योगदान होने वाला है।
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भारत के वर्कर्स के लिये जॉब के आने वाले अवसर
रिक्रूटर की भूमिका
भारत आने वाले 25-30 सालों तक युवा शक्ति में दुनिया में सबसे आगे रहने वाला है। आज देश में लगभग 35% लोग 35 वर्ष की आयु से नीचे हैं और 50% लोग 25 की आयु से नीचे। ये आपने आप में किसी भी देश के लिए बहुत बड़ा एसेट है और इसी वजह से आने वाले इस समय को प्रधानमंत्री ने अमृतकाल कहा है यानी golden time!
मैक्किंसी एवं कंपनी के एक रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2030 तक लगभग 7 करोड़ जॉब्स अकुशल या कौशल आधारित वर्कफोर्स यानी bottom of the workforce pyramid के लिए तैयार हो जाएँगी।
देखा जाये तो लगभग 25 लोगों की डिमांड हर मिनट और जिस गति से देश की वर्कफोर्स बढ़ रही है आज हर मिनट लगभग 40 नये युवा रोज़गार के लिए तैयार हो रहे हैं। डिमांड और सप्लाई में गैप से अब आप हैरान मत होइए क्योंकि इन 40 में से अगर 2 युवा भी अपना व्यवसाय शुरू करने चल देते हैं तो लगभग 4 अन्य नौकरियाँ तैयार हो जाती हैं, पर ज़रूरी बात ये समझने की है कि इन 40 युवाओं को उन 20 अवसरों से जोड़ने का काम रिक्रूटर का है, और साथ ही साथ छाँटने का भी।
रिक्रूटर्स के लिये सफलता की कुंजी
हो ना हो, अब तक रिक्रूटर और विकसित भारत का गहरा संबंध आपको समझ आने लग गया होगा, तो एक लोकप्रिय चीज़ पर भी साथ ही बात कर लेते हैं, AI टेक्नोलॉजी। अगर आपको लगता है की आने वाले समय में “हेलो chatGPT, एक मशीन टेक्निशियन हायर कर दो” सच नहीं हो सकता है तो आपका हाल TVF की सीरीज, पंचायत के किरदार बनराकस या बिनोद की तरह हो सकता है, जो ग्राम फुलेरा के प्रधान और उप-प्रधान बनते-बनते रह गये। रिक्रूटर्स को AI से आगे रहने के लिए ज़रूरी है कि वो भी निरंतर अपने कौशल को अपडेट करते रहें और ऐसी चीज़ों में ना उलझें जिसे AI की माध्यम से सरलता से किया जाता है। JobsYahan एक ऐसा ही प्लेटफार्म है जो रिक्रूटर को ऐसी चीज़ों से देता है आज़ादी जो AI कर सकता है, जिससे रिक्रूटर वो कर सकें जिससे देश आगे बढ़ेगा।
JobsYahan भारत के वर्कर्स और रिक्रूटर्स के लिये बना एक ख़ास प्लेटफार्म है जो AI की मदद से JD बनाने, CV बनाने और कैंडिडेट स्क्रीनिंग को सरल बनाता है, जिससे रिक्रूटर का काम हो आसान और क्लाइंट हो जाये प्रसन्न। JobsYahan ने तो भारत का जॉब ऐप बन कर विकसित भारत में रिक्रूटर्स के योगदान को चमकाने का बीड़ा उठा लिया है, अब आपकी बारी है।
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